नागरिकता कानून के विरोध में सामने आए अरुंधति रॉय, चेतन भगत सहित कई लेखक


नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले लोगों में शामिल होते हुए अरुंधति रॉय, देवदत्त पटनायक और चेतन भगत सहित कई प्रख्यात लेखकों ने दावा किया है कि यह 'भारत विरोधी' कानून हमारे संविधान के 'आधार स्तंभ' को तोड़ने वाला है। इस बीच, उर्दू के प्रख्यात व्यंग्यकार मुजतबा हुसैन ने मोदी सरकार द्वारा बनाए गए डर और नफरत के खिलाफ पद्म श्री सम्मान लौटाने की घोषणा की है।उन्होंने कहा कि वे सरकार में बैठे लोगों द्वारा अल्पसंख्यकों विशेषकर मुस्लिमों को निशाना बनाने से दुखी हैं। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच लेखिका एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुंधति रॉय ने लोगों से इसके खिलाफ खड़े होने की अपील की। बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका ने एक बयान में कहा कि एनआरसी के साथ नागरिकता संशोधन कानून हमारे संविधान के आधार स्तंभ को तोड़ने वाला है।पौराणिक कथाकार पटनायक ने 'कभी कॉलेज नहीं गए नेताओं' को सुझाव दिया कि उन्हें छात्रों की गतिविधियों पर सलाह नहीं देनी चाहिए। चेतन भगत ने कहा कि भले ही उनके ऐतिहासिक नाम कुछ भी हो, भारत में कोई हिंदू या मुस्लिम विश्वविद्यालय नहीं है। वे सभी भारतीय विश्वविद्यालय हैं और उन सभी की अवश्य ही हिफाजत करनी चाहिए। भगत ने 'युवाओं के धैर्य की सीमा की परीक्षा लेने के खिलाफ' सरकार को चेतावनी भी दी। इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सिलसिलेवार ट्वीट में 1919 के महात्मा गांधी के संकल्प को दोहराया, जिसमें उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों से एक ही माता पिता की संतान की तरह व्यवहार करने को कहा था।जामिया में पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए बॉलीवुड के और कलाकारों ने छात्रों का समर्थन किया है। पटकथा लेखक जावेद अख्तर, फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज, अभिनेता मुहम्मद जीशान अय्यूब, सिद्धार्थ मल्होत्रा, हुमा कुरैशी, अभय देओल और पुलकित सम्राट समेत बॉलीवुड से जुड़े कई लोगों ने छात्रों के प्रति एकजुटता प्रकट की है।नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने मंगलवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के साथ जोड़ने को 'बहुत दुर्भाग्यपूर्ण' करार दिया। कुमार ने ट्वीट किया, 'यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग जानबूझकर और संगठित तरीके से सीएए और एनआरसी को आपस में जोड़कर पेश करने का प्रयास कर रहे हैं।ऐसा लोगों के बीच भय पैदा करने के लिए किया जा रहा है। इसे तत्काल रोकने की जरूरत है।'