मृत पाए गए साहित्य अकादमी विजेता डॉ. नंजुंदन


बेंगलुरु। प्रसिद्ध अनुवादक और साहित्य अकादमी विजेता डॉ. जी. नंजुंदन अपने आवास पर मृत पाए गए। वह 58 वर्ष के थे। उनका शव नगादेवनहल्ली स्थित अपार्टमेंट में शनिवार को बरामद हुआ है। पुलिस को संदेह है कि कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति रुकने) के कारण करीब चार दिन पहले उनकी मौत हो गई होगी।डॉ. नंजुंदन ने दर्जनों कन्नड़ किताबों का तमिल में अनुवाद किया। वही उनकी ख्याति का मूल आधार बने। अनुदित किताबों में ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता यूआर अनंतमूर्ति की 'भव' और 'अवस्थे' शामिल हैं। उन्हें वर्ष 2012 में 'अक्का' के लिए अकादमी अनुवाद पुरस्कार मिला। यह विभिन्न कन्नड़ लेखिकाओं की लघु कथाओं का संग्रह है, जिनका उन्होंने तमिल में अनुवाद किया है।पुलिस के मुताबिक, डॉ. नंजुंदन बेंगलुरु विश्वविद्यालय में सांख्यिकी के प्रोफेसर थे और कई दिनों से पढ़ाने नहीं आए थे। जब उनके सहायक को आशंका हुई तो वह उनके घर गया, जहां से बदबू आ रही थी। सहायक ने इसकी जानकारी चेन्नई में रह रहे डॉ. नंजुंदन की पत्‍‌नी और बेटे को दी। परिवार ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद दरवाजे को तोड़ा गया। वहां पर उनका शव मिला।